Friday 28 March 2014

CSS Introduction

Introduction परिचय


Cascading Style Sheets (CSS) को कभी गंभीरता से नही लिया गया है। शायद ऐसा इसलिए हैं क्योंकि वेब डिजाइनर यह सोचते हैं कि यह जो है उसकी तुलना में कठिन है पर सच तो यह है, CSS अविश्वसनीय रूप से आसान है !
                 CSS के साथ, आप एक external Style Sheet में अपनी सभी common styles को define कर सकते हैं। इस तरह,  आप अपनी पूरी साइट में एक style की हर occurence को बदलना चाहते हैं, तो  आपको केवल एक ही स्थान पर update करने की जरूरत है.
यह ट्यूटोरियल आपको  सिखायेगा कि कैसे अपनी वेबसाइट में का इस्तेमाल किया जायें। यह ट्यूटोरियल यह भी सिखायेगा कि कैसे एक external style sheet बनाई जायें और इसे अपने HTMLपेजसे कैसे लिंक कियाजाये।
                 CSS शब्द " Cascading Style Sheets " के लिए एक संक्षिप्त नाम है| CSS के द्वारा ,एक वेब पेज उसकी content और behaiviour से किस तरह दिखाई देगा, इसको पुर्व प्रचलित शैली से अलग तरीके से करने के लिए सबसे पहले 1997 में विकसित किया गया था . CSS, मार्कअप में रखा गया content और जिसे स्टाइल शीट में संग्रहीत किया जाता है, कैसे प्रदर्शित होगी इसे परिभाषित करता है। External Style Sheet अपने वेब पेजों पर CSS styles को डालने के लिए सबसे अच्छा तरीका है।

What is CSS?

  • CSS का पूरा नाम है- Style Sheets
  • Styles से यह निर्धारित होता है कि HTML elements  ब्राउजर मे कैसे प्रदर्शित होंगे
  • Styles को समस्या  के समाधान के रुप HTML 4.0  मे जोडा जा सकता है।
  • External Style Sheets  में बहुत सा कार्य सेव किया जा सकता है।
  • External Style Sheets को CSS files के रुप मे सेव करके भी काम में लिया जा सकत है।

Cascade क्या है:

CSS में cascade, एक झरने की तरह है। जैसे ही user agent शैली नियमों  का आमना-सामना कराता है यह उन्हें एक के बाद एक लागू कर देता है। शैलियों का क्रम इस प्रकार है:

    browser defaults
    external style sheets
    internal style sheets
    inline styles
    more specific style selector  को प्रधानता (precedence) दी जायेगी।
         h2 - universal selector की तुलना में अधिक विशिष्ट है
         h2.class - h2 से अधिक विशिष्ट है
         h2.id -  h2.class तुलना में अधिक विशिष्ट है
 

Styles Solved a Big Problem (Styles ने एक बडी समस्या हल की)

HTML को ऐसा कभी नही बनाया गया था कि उसमें पूरे वेब-पेज की निर्माण (formatting) हो सकें, बल्कि HTML को तो वेब-पेज की विषयवस्तु (content) के निर्माण के लिए बनाया गया था,जैसे :
<h1>This is a heading</h1>
<p>This is a paragraph.</p>
जब <font> जैसे tags और color attributes को HTML 3.2 की विशेषताओं में जोडा गया था, it started a nightmare for तो यह web developers के लिए एक दु:स्वप्न की तरह था । बडी वेब-साइटों के Development के समय, जहाँ fonts और color की जानकारी हर एक पेज मे जोडनी पडती थी, जो एक बहुत लंबा और थका देने वाला काम था ।
इस समस्या के समाधान मे,World Wide Web Consortium (W3C) ने CSS की रचना की।
In HTML 4.0 में सारी formatting HTML पेज से हटाई जा सकती थी और अलग से CSS file में सेव की जा सकती थी।
आजकल सभी browsers CSS को support करते है।

CSS Saves a Lot of Work! (CSS बहुत समय और मेहनत बचाता है !)

CSS यह निर्धारित करता है कि HTML elements किस प्रकार प्रदर्शित होंगे।
Styles को सामान्यत: बाहरी (external) .css फ़ाइल के रुप में सेव किया जाता है । यानि हम एक नोटपेड मे सभी कोड लिख कर उस फ़ाइल को .css (जैसे- फ़ाइलकानाम.css) लगाकर सेव कर देंगे तो वो CSS फ़ाइल हो जायेगी। External style sheets आपको सिर्फ़ एक file मे बदलाव करके किसी Web site के सभी पेजों के appearance और layout को  उस फ़ाइल के अनुरुप बदलने की सुविधा देती


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